51 साल का हुआ कानपुर प्राणी उद्यान, जानें क्यों है उत्तर भारत का सबसे खास चिड़ियाघर

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Agency:News18 Uttar Pradesh

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Kanpur Zoological Park: कानपुर प्राणी उद्यान में इस वक्त सबसे अधिक प्रजाति के वन्य जीव मौजूद हैं जिनकी संख्या 1200 से अधिक है. यहां पर कई खास…

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कानपुर

कानपुर प्राणी उद्यान

कानपुर: उत्तर भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक कानपुर प्राणी उद्यान अब 51 साल का हो गया है 51 साल पहले 1974 में इसे पहली बार दर्शकों के लिए खोला गया था एलन फॉरेस्ट पर बना यह जू एलन जू के नाम से भी जाना जाता है .उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े और मशहूर चिड़ियाघरों में से एक, कानपुर चिड़ियाघर ने अपनी स्थापना के 51 साल पूरे कर लिए हैंइस खास मौके पर चिड़ियाघर में जश्न का माहौल रहा. बच्चों और वन्यजीव प्रेमियों ने मिलकर केक काटा और जानवरों के लिए भी खास भोजन का इंतजाम किया गया.

1974 में हुई थी चिड़ियाघर की शुरुआत
कानपुर चिड़ियाघर की नींव फरवरी 1974 को रखी गई थी इसका उद्देश्य वन्यजीवों का संरक्षण करना और लोगों को प्रकृति व जीव-जंतुओं के प्रति जागरूक करना था. पिछले 51 वर्षों में यह चिड़ियाघर हजारों पशु-पक्षियों का घर बना और लाखों पर्यटकों को वन्यजीवों के बारे में जानने का मौका दिया.

100 प्रजाति के 1000 से अधिक है वन्यजीव

कानपुर प्राणी उद्यान में इस वक्त सबसे अधिक प्रजाति के वन्य जीव मौजूद हैं जिनकी संख्या 1200 से अधिक है. यहां पर कई खास बने जीव है जो उत्तर भारत में सिर्फ कानपुर प्राणी उद्यान में देखने को मिलते हैं जिसमें अभी सबसे खास वन्य जीव वालाबी आया है जो कंगारू की एक प्रजाति है जो मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं इसके साथ ही यहां पर जेब्रा भालू हिरण गंदा टाइगर व्हाइट टाइगर लायन लेपर्ड बड़ी संख्या मेंमौजूद है.

कानपुर प्राणी उद्यान के निदेशक के के सिंह ने बताया कि कानपुर चिड़ियाघर उत्तर भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है यहां बाघ, शेर, हाथी, दरियाई घोड़ा, गैंडा, जेब्रा, हिरण, मगरमच्छ, अजगर और कई तरह के पक्षी मौजूद हैं. इस चिड़ियाघर में कुल 100 से ज्यादा प्रजातियों के जीव-जंतु रहते हैं, जिन्हें देखने हर साल लाखों लोग आते हैं,51 साल पूरे होने के बाद कानपुर चिड़ियाघर एक नए सफर की ओर बढ़ रहा है यह सिर्फ एक दर्शनीय स्थल नहीं, बल्कि वन्यजीवों के संरक्षण का केंद्र भी है. उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह चिड़ियाघर और विकसित होगा और वन्यजीव प्रेमियों के लिए नए अनुभव लेकर आएगा.

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